Monday, August 27, 2018
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छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ की वार्षिक बैठक में दी गई अहम जानकारी, वन मंत्री महेश गागड़ा की अध्यक्षता में कामकाज की हुई समीक्षा

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की आज वार्षिक बैठक रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित की गई। वन मंत्री महेश गागड़ा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूरे साल भर के कामकाजों की समीक्षा की गई। और साल 2018 के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने पर चर्चा हुई। साथ ही हितग्राहियों को मिलने वाली योजनाओं के लाभ पर विशेष रूप से चर्चा की गई। इस दौरान लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष भरत साय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर के सिंह और लघु वनोपज संघ के प्रंबंध निर्देशक मुदित कुमार सिंह समेत वनोपज संघ से संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

इस दौरान लघु वनोपज संघ के प्रंबंध निर्देशक मुदित कुमार सिंह ने वनौधी संबंधित अहम जानकारी दी गई। साथ ही 2003 से अबतक के हिसाब का लेखाजोखा प्रस्तुत किया गया।

वनोपज संघ का मुख्य उद्देश्य- संग्राहकों की आर्थिक एवं सामाजिक विकास करना –

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ, 901 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां और 31 जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन का संघ है जिसमें लगभग 13 लाख लघु वनोपज संग्राहक परिवार के कुल 32 लाख संग्राहक जुड़े हुए हैं। संघ का मुख्य काम तेंदूपत्ता, साल बीज, इमली, हर्रा, चिरौंजी गुठली, लाख, महुआ बीज का संग्रहण और व्यापार करते हुए संग्राहकों की आर्थिक एवं सामाजिक विकास करना है।

 

तेंदूपत्ता संग्राहक दर वह बोनस में निरंतर वृद्धि व हितग्राहीमूलक योजनाएं –

– संग्रहण वर्ष 2004 में संग्रहण दर ₹450 से बढ़ाकर साल 2018 के लिए 2500 रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है

– संग्रहण वर्ष 2003 से साल 2016 तक बोनस 1531 करोड़ रुपए वितरित किया गया है

– साल 2017 तेंदूपत्ता संग्राहक सीजन का प्रोत्साहन पारिश्रमिक अनुमानित 650 करोड़ रुपए का भुगतान शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा

– संग्रहण वर्ष 2004 से वर्ष 2018 माह जून तक संग्रहण पारिश्रमिक रुपए 2274 करोड रुपए का भुगतान किया गया है

– संग्रहण वर्ष 2003 में साक्षरता दर रुपए 22 से बढ़ाकर वर्ष 2018 में 52 रुपय प्रति मानक बोरा किया गया है

– संग्रहण वर्ष 2003 में औसत विक्रय दर ₹956 से बढ़ाकर वर्ष 2018 में ₹5696 प्रति मानक बोरा हुआ है

– संग्रहण वर्ष 2003 में  समिति प्रबंधन पारिश्रमिक दर ₹1500 से बढ़ाकर वर्ष 2018 में ₹12500 प्रतिमाह किया गया है।

 

चरण पादुका बीमा एवं छात्रवृत्ति राशि का भुगतान –

– संग्राहक परिवार के छात्रों को छात्रवृत्ति 73 करोड़ 26 लाख रूपय

– चरण पादुका एक करोड़ 31 लाख 87 हजार जोड़ी

– साल 2018 में पुरुषों को लगभग 12 लाख चरण पादुका वितरित किया जाएगा

– साड़ी 12 लाख 55 हजार साल 2013 14 में वितरित किया गया

– जनश्री बीमा अंतर्गत 45782 हितग्राहियों को 111 करोड़ रुपए बांटे गए

– समूह बीमा एवं अटल समूह बीमा अंतर्गत 1,16,700 हितग्राहियों को 55 करोड़ 58 लाख रूपय

– तेंदूपत्ता फड़मुंशियों को 10,279 नग साइकल साल 2018 में बांटे गए।

 

बीमा राशि में बढ़ोतरी –

– 1 मार्च 2018 से संग्राहक परिवार के मुखिया का बीमा पॉलिसी में परिवर्तित किया गया है अब इन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत निर्मित किया गया है इसके अंतर्गत संग्राहक परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर ₹2 लाख तथा दुर्घटना जन्म मृत्यु होने पर ₹2 लाख अतिरिक्त देय होगी।

– सभी 10269 फड़मुशियों को भी प्रथम बार बीमा योजना में सम्मिलित किया गया है उन्हें भी संग्राहक परिवार के मुखिया के भांति भी बीमार राशि देय होगी।

– समिति प्रबंधकों को रु 25000 से बढ़ोतरी करते हुए ₹1 लाख का बीमा किया गया है।

 

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत वनोपज का क्रय –  

– साल 2014 से साल बीज, हर्रा, इमली, महुआ बीज, लाख (कुसमी/रंगीली) और चिरौंजी गुठली के लिए समर्थन मूल्य का क्रय भी निरंतर व्यवस्था है।

वनोपज        संग्रहित मात्रा                  संग्रहण राशि का भुगतान

साल बीज      3,63,858 क्विंटल             36 करोड़ 40 लाख का भुगतान

इमली         36,337 क्विंटल                      आठ करोड़ का भुगतान

हर्रा           94,986 क्विंटल                      10 करोड़ 35 लाख का भुगतान

चिरौंजी गुठली   15,020 क्विंटल                      15 करोड़ का भुगतान

महुआ बीज     6,397 क्विंटल                1 करोड़ 40 लाख का भुगतान

कुसमी लाख     6,872 क्विंटल                21 करोड़ 95 लाख का भुगतान

रंगीनी लाख     2,742 क्विंटल                5 करोड़ 93 लाख का भुगतान

इस तरह से साल 2014 से कुल वनोपज का भुगतान 99 करोड़ रुपए किया गया है।

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में घोषित लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य शासन द्वारा बोनस प्रोत्साहित राशि देने का निर्णय लिया गया है लघु वनोपज जैसे हर्रा, इमली, साल बीज, चिरौंजी गुठली, कुसमी लाख, महुआ बीज के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वनोपज के दर में बोनस पर कुल प्रति किलोग्राम रुपए दिया जाता है। हर्रा ₹11, इमली ₹25, साल बीज ₹13, चिरौंजी गुठली ₹105, कुसमी लाख ₹200, महुआ बीज ₹22 प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। इसमें बोनस की राशि भी शामिल है।

रंगीनी लाख का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹130 प्रति किलोग्राम है न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत लघु वनोपज संघ ग्राहकों को उनके वन उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है।

योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है जिसमें जनप्रतिनिधियों की भी सक्रिय सहभागिता है। इसके अनुसार इस वर्ष बोनस प्रोत्साहित राशि के साथ वनोपज का क्रय दिया जा रहा है वर्तमान में लगभग डेढ़ करोड़ की राशि संग्राहकों को भुगतान किया जा चुका है। साथ ही पैंपलेट वितरण तथा शासन बोर्ड के माध्यम से गांव हॉट और बाजारों में इस कार्य का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ताकि ग्रामीणों को बिचौलियों के शोषण से बचाया जा सके।

 

औषधीय पौधों का संवर्धन

लघु वनोपज संग्रहण के समान ही वनवासियों का जीवन वनों में विद्यमान औषधीय पौधों के संग्रहण एवं उनके द्वारा स्थानीय औषधि निर्माण कर स्वास्थ्य लाभ किया जाना भी महत्वपूर्ण है। प्रदेश में वन क्षेत्र में विद्यमान औषधीय पौधों के संरक्षण संवर्धन और 1 औषधियों के प्रसंस्करण के लिए वर्ष 2003 से प्रारंभ कर अब तक निम्न कार्य किए गए हैं।

वनौषधी प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना              6

वनौषधालयों की स्थापना                       48

विक्रय केंद्र की स्थापना                        6 मार्च और 30 संजीवनी

वार्षिक व्यापार                              1 करोड़ 26 लाख रुपए

 

मोबाइल वैन का संचालन

छत्तीसगढ़ प्रदेश में वनौषधियों के प्रचार प्रसार एवं आम जनता के लिए 16 को उपलब्धता के उद्देश्य से वर्ष 2018 में मोबाइल बैंक का संचालन प्रारंभ किया गया है।

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